DELHI: कांग्रेस के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले और कद्दावर नेता अहमद पटेल (Ahmed Patel) का बुधवार को निधन हो गया। अहमद पटेल (Ahmed Patel) का निधन कांग्रेस पार्टी के लिए एक बहुत बड़े झटके से कम नहीं है। जहां एक ओर सोनिया गांधी की सेहत भी ठीक नहीं है। कांग्रेस संगठन नेतृत्व की कमी महसूस कर रहा है। ऐसे में अहमद पटेल का चला जाना पार्टी के लिए काफी बड़ा नुकसान है। दिल्ली की सियासत में अहमद पटेल को शुरू से कांग्रेस का ‘चाणक्य’ कहा जाता रहा है। ऐसे में आप सभी को साल 2017 की वो रात जब कांग्रेस के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले अहमद पटेल और बीजेपी के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले अमित शाह आमने सामने थे। उस वक्त दिल्ली से लेकर गुजरात तक आधी रात को सियासत की बिसात पर शह-मात के खेल के गवाह बने थे, जब जीत अहमद पटेल की हुई थी। जी हां गुजरात राज्यसभा चुनाव (Gujrat Rajyasabha election) में अहमद पटेल (Ahmed Patel) बीजेपी के अमित शाह पर भारी पड़े थे।
साल 2017 में गुजरात में विधानसभा चुनाव के पहले राज्यसभा चुनाव हुआ था। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) के दिल्ली की राजनीति में आने के बाद गुजरात का यह पहला चुनाव था, इसलिये सभी की नजरें इसी सीट पर थी। 3 सीटों पर वोटिंग होनी थी, जिसमें 2 सीट पर बीजेपी की जीत तय थी। तीसरी सीट से अहमद पटेल प्रत्याशी थे। लेकिन सियासत की बिसात पर बीजेपी ने अहमद पटेल (Ahmed Patel) के सामने एक उम्मीदवार खड़ा कर अहमद पटेल को शिकस्त देने की ठानी। बीजेपी ने कांग्रेस से आये बलवंत राजपूत को अपना उम्मीदवार बनाया। अचानक चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के कई विधायकों ने इस्तीफा दे दिया, जिससे अहमद पटेल (Ahmed Patel) के लिये जीत की राह मुश्किल हो गई। और खुद अमित शाह (Amit Shah) चुनाव को लेकर अहमदाबाद में अपने लो-लश्कर के साथ कैंप कर रहे थे।
अहमद पटेल को जीत के लिये 45 का आंकड़ा चाहिये था। ऐसे अहमद पटेल को मतदान से पहले एनसीपी और जेडीयू ने झटका दिया। अब कांग्रेस के पास सिर्फ 44 का ही आंकड़ा बचा। एक कांग्रेस विधायक ने क्रॉस वोटिंग कर दी। इसी बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के दो विधायकों ने वोट डालने के बाद बूथ के बाहर मौजूद अमित शाह (Amit Shah) को विक्ट्री साइन दिखाया। लेकिन अहमद पटेल ने तभी अपनी ‘चाणक्य’ नीति दिखाई और मामले को लेकर विवाद बढ़ा। तब कांग्रेस आधी रात को चुनाव आयोग पहुंच गई। कांग्रेस दो वोटों को रद्द करने की मांग कर रही थी। देर रात तक बीजेपी की तरफ से भी बड़े- बड़े नेता आयोग के पास पहुंचे।
दिल्ली में बीजेपी की ओर से अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल जैसे दिग्गज चुनाव आयोग पहुंचे, तो कांग्रेस की ओर से कपिल सिब्बल, रणदीप सुरजेवाला समेत अन्य बड़े नेताओं ने पूरी रात मोर्चा संभाला। रात 12 बजे चुनाव आयोग ने दोनों विधायकों के मत को रद्द कर दिया। अब कुल वोटों की संख्या घटकर 176 से 174 हो गई और एक उम्मीदवार की जीत के लिये 43.5 वोट चाहिये थे। डेढ़ बजे वोटों की गिनती शुरू हुई और जब नतीजे आये तो अहमद पटेल (Ahmed Patel) ने जीत हासिल की।
More Stories
सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 370 पर अपने फैसले में भारत की संप्रभुता और अखंडता को बरकरार रखा है: PM MODI
Delhi में NDA ने भी दिखाई ताकत, 38 दल बैठक में हुए शामिल, पीएम मोदी ने विपक्ष पर किया वार
‘INDIA’ होगा विपक्षी दलों के गठबंधन क नाम, Bengaluru हुई बैठक में फैसला, Mumbai में होगी अगली बैठक