ASHOK SHARMA, GAYA: राष्ट्रीय सेवा योजना म•वि•वि• स्वयंसेवीका दीक्षा देखने में तो कमजोर थी, पर बहादुरी में किसी से कम नहीं थी। यह हर एक काम को करना चाहती थी जो हर एक स्वयंसेवक ने किया, हर एक कार्यक्रम में आकर के कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाती थी इसकी जोश और इसकी उत्साह के सामने सब कुछ फिका हो जाता था। यह सदैव हंसने मुस्कुराने वाली स्वयंसेविका थी उसने कभी भी किसी की बातों का बुरा नहीं माना, इस ने सदैव सीनियर स्वयंसेवकों कि बात मानकर दिखाए गए मार्ग पर चलकर कई उपलब्धियां हासिल की। आज वह राष्ट्रीय सेवा योजना में नहीं है इस बात का काफी दुख है हम सभी को उसकी कमी सदैव खलेगी। क्योंकि वह अपने आप में एक अलग थी उसकी छोटी-छोटी बातें आज सभी स्वयंसेवकों को रुला रही है। पता नहीं यह कौन सी विपत्ति हम सभी राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों पर आ गई हैं। वहीं राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने कहा कि मगध विश्वविद्यालय,बोधगया कुलपति महोदय इसके परिवार को कुछ आर्थिक मदद करें जिससे इस विपत्ति के समय उसके परिवार का कुछ सहयोग मिले। सभी स्वयंसेवकों ने कहा कि आज दीक्षा तूने सब को रुला दिया तुम कहां चली गई हम सभी को छोड़कर, क्या गलती थी हम सभी की क्यों तू हमें अकेला छोड़कर चली गई बहन। तुम हमारे दिलों में सदैव अमर रहोगी, तुम्हारा कार्य हम सभी कभी नहीं भूल सकते हैं। वरिष्ठ स्वयंसेवक करण गुप्ता, सूरज सिंह,पवन मिश्रा,गौरव कुमार,शिवेंद्र पांडे,राजीव रंजन,प्रियदर्शनी गुप्ता,राखी कुमारी,पारुल प्रिया,विशाल राज,अनुराग कुमार,शशि,उज्जवल,वैभव यादव,सावन अभिषेक, शैलेन्द्र,अश्वनी आदि स्वयंसेवकों ने पुष्प अर्पित कर दीक्षा को श्रद्धांजलि दी।
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