RANCHI: झारखंड हाई कोर्ट में दहेज प्रताड़ना मामले में आरोपी पूर्व डीजीपी डी के पांडे की ओर से दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत में दोनों पक्षों की ओर से फिजिकल अपीरियंस दर्ज कराई गई. जिसके बाद आपसी सहमति के आधार पर अदालत में चल रहे मुकदमे को खत्म करने का आग्रह कोर्ट से किया गया. जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए इस मामले में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया है. इस प्राथमिकी के निरस्त होने के बाद पूर्व डीजीपी डी के पांडे को बड़ी राहत मिली है. इसके साथ ही इस मामले में आरोपित उनके परिवार के अन्य सदस्यों को भी बड़ी राहत मिली है.
अदालत में सुनवाई के दौरान पूर्व डीजीपी की तरफ से अदालत को बताया गया कि बहू के द्वारा उनके और उनके परिजनों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया गया था, जिसे उन्होंने वापस ले लिया है. और इस मामले को मध्यस्थता के जरिए आपसी सहमति से सुलझा लिया गया है. इसलिए मामले को रद्द कर दिया जाये. जिसके बाद अदालत ने दोनों पक्षों की रजामंदी के बाद इस मुकदमे को खारिज कर दिया है.
दोनों पक्षकार गुरुवार को हाई कोर्ट के समक्ष सशरीर उपस्थित हुए. वादी एवं प्रतिवादी का बयान रिकॉर्ड करने के बाद कोर्ट ने इस मामले को निष्पादित कर दिया. बता दें कि राज्य के पूर्व डीजीपी डीके पांडेय, उनकी पत्नी डॉ पूनम पांडेय और बेटे शुभांकन के खिलाफ 26 जून 2020 को रांची के महिला थाने में दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराया गया था. डीके पांडेय के बेटे शुभांकन की पत्नी रेखा मिश्रा ने दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए कानून सम्मत कार्रवाई करने का आग्रह किया था. प्राथमिकी में रेखा मिश्रा ने बताया था कि तीन साल पहले उनकी शादी डीके पांडेय के बेटे शुभांकन से हुई थी.
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