अविनाश गुप्ता, शेरघाटी, गया: दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक आफिसर्स आर्गनाइजेशन के महासचिव राहुल कुमार वत्स ने बताया कि बैंक कर्मियों के स्वास्थ्य ,सुरक्षा एवं हितों को ध्यान में रखते हुए दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक आफिसर्स एवं वर्कर्स आर्गनाइजेशन ने बैंक प्रबंधन के दोयम दर्जे के व्यवहार के विरोध में 18.5.2020 से एक सप्ताह तक काली पट्टी बांध कर कार्य कर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन प्रबंधन द्वारा कोई कारवाई नहीं की गई । न ही कोई जवाब दिया गया। बैंक प्रबंधन के नकारात्मक रवैये से ऐसा प्रतीत होता है कि प्रबंधन के बैंक कर्मियों के स्वास्थ्य हित एवं सुरक्षा के प्रति बिल्कुल उदासीन तथा संवेदनहीन हो गई है। कर्मियों को जायज सुबिधाये प्रदान करना तो दूर उनकी भलाई के बारे में बात करने की जरूरत भी नहीं समझती है। बैंक प्रबंधन के इस नकारात्मक तथा निरंकुश रवैये को देखते हुए संघ ने विरोधात्मक प्रदर्शन को लॉकडाउन की अवधि 30 मई 2020 बढ़ाने का निर्णय लिया है।
जबकि दूसरी ओर सभी सुविधाएं प्रायोजक बैंक पंजाब नेशनल बैंक तथा अन्य ग्रामीण बैंको में काफी पहले ही लागू की जा चुकी है उसे भारत सरकार की स्वीकृति दिए जाने के बावजूद भी हमारे ग्रामीण बैंक कर्मियों को निम्न दर्जे का मानते हुए उस सुविधा को लागू करने में अनावश्यक विलंब किया जा रहा है और उसमें कटौती भी की जा रही है।
दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक आफिसर्स आर्गनाइजेशन के महा सचिव राहुल कुमार वत्स ने बताया कि बिहार के 21 जिले में कार्यरत हमारे बैंक के समस्त कर्मी, प्रबंधन के नुरंकुश एवं संवेदनहीन रवैये के विरोध को आगे भी जारी रखते हुए 30 मई, 2020 तक काली पट्टी बांध कर कार्य करेंगे। इस दौरान वे केवल ग्राहकों से संबंधित आवश्यक कार्य ही करेंगे। बैंक प्रबंधन की प्रतिक्रिया को देखते हुए अगर जरूरत पड़ी तो कर्मचारियों के हित के लिए आंदोलन को और भी व्यापक रूप देते हुए आगे की रणनीति पर पुनः विचार किया करेंगे।
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