NEW DELHI: पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का सोमवार को निधन हो गया। 84 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। तीन हफ्ते पहले उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। कुछ समय पहले ही उनकी ब्रेन सर्जरी भी हुई थी। दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में वो भर्ती थे।
प्रणब मुखर्जी ने खुद कोरोना पॉजिटिव होने की दी थी जानकारी
प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) ने 10 अगस्त को खुद कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने की जानकारी दी थी। एक हफ्ते से उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें ICU में रखा गया था। लेकिन सोमवार की शाम उनका निधन हो गया।
प्रणब मुखर्जी के जिंदगी का सफर
11 दिसंबर 1935 को प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का जन्म पश्चिम बंगाल के मिराती गांव में हुआ था। उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और हिस्ट्री में एमए कलकत्ता विश्वविद्यालय से किया। वह कोलकाता के विद्यानगर कॉलेज में 1963 में पॉलिटिकल साइंस के लेक्चरर भी रहे। 1969 में प्रणब मुखर्जी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी । प्रणब राज्यसभा के लिए 1969 में ही चुने गए। इसके बाद राज्यसभा के लिए 1975, 1981, 1993 और 1999 में चुने गए। साथ ही वो भारत के राष्ट्रपति 25 जुलाई 2012 से 25 जुलाई 2017 तक रहे। साल 2019 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
निधन पर शोक संवेदना
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी ने निधन पर शोक जताया है। इसके अलावा कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी उनके निधन पर दुख जताया है।
पूर्व राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है। श्री प्रणब मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ।
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 31, 2020
India grieves the passing away of Bharat Ratna Shri Pranab Mukherjee. He has left an indelible mark on the development trajectory of our nation. A scholar par excellence, a towering statesman, he was admired across the political spectrum and by all sections of society. pic.twitter.com/gz6rwQbxi6
— Narendra Modi (@narendramodi) August 31, 2020
बिहार में भी शोक की लहर
बिहार में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन पर शोक की लहर है। सभी सियासी पार्टियों के नेताओं ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। आईये जानते हैं पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन पर किसने क्या कहा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक जताया। उन्होंने लिखा है कि प्रणब मुखर्जी प्रख्यात राजनेता, कुशल प्रशासक, प्रखर वक्ता एवं राजनीति के ऐसे अजातशत्रु थे, जिन्हें पक्ष और विपक्ष सामान रूप से आदर और सम्मान देते थे। उन्होंने भारतीय राजनीति में शुचिता और नैतिक मुल्यों की लंबी लकीर खींची है। मुखर्जी से मेरा आत्मीय संबंध रहा है।
नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त किया और कहा कि आज देश के लिये अत्यंत दुखद दिन है, देश रतन पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी आज हमसब से सदा के लिये बिछड़ गए है। उनकी देश के लिये की गई सेवाओं को याद किया जाएगा। उन्होंने रक्षा मंत्री, वित् मंत्री के साथ लंबे समय तक देश के कई महत्व पदों पर रहेकर देश के मान सम्मान को बढ़ाया । मैं उन्हें सत सत नमन करता हूँ। वर्ष 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति के रूप मे अपनी सेवा दी और देश के नाम को ऊंचा किया। देश उन्हें सदा याद रखेगा। ईस्वर उनकी आत्मा को चिर शांति दे।
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी
बिहार के मंत्री, भवन निर्माण विभाग, अशोक चौधरी ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न प्रणब मुख़र्जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। अपने शोक संदेश में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि उनके निधन से राजनीतिक जगत को अपूरणीय क्षति हुई है, एक युग का अंत हुआ है ।
LJP सुप्रीमो चिराग पासवान
एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने शोक संदेश में कहा है कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि प्रभु उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे एवं परिवार को इस दुख की घड़ी को सहने की शक्ति दे।
संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार
संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने प्रणब मुखर्जी के निधन को निजी क्षति बताया है।
हम अध्यक्ष जीतन राम मांझी
पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा है कि प्रणब मुखर्जी के निधन से राजनीति जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है। वह एक कुशल वक्ता थे।
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