सीवान के बाहुबली और पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन (Shahabuddin siwan bihar) नहीं रहें. उन्होंने दिल्ली के पंडित दीन दयाल अस्पताल में आखिरी सांस ली. पिछले कई दिनों से वो कोरोना से संक्रमित थे. जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल से अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. लेकिन बाहुबली कोरोना से ये जंग हार गए और शनिवार को उनकी मौत हो गई. शहाबुद्दीन (Shahabuddin siwan bihar) की अस्पताल की एक तस्वीर सामने आई है जिसमें वो काफी कमजोर दिख रहे हैं.
वहीं उनकी मौत पर समर्थकों में काफी मायूसी है. साथ ही आरजेडी नेता और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शहाबुद्दीन (Shahabuddin siwan bihar) की मौत पर काफी अफसोस जाहिर करते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि
” पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का कोरोना संक्रमण के कारण असमय निधन की दुःखद ख़बर पीड़ादायक है। ईश्वर उनको जन्नत में जगह दें, परिवार और शुभचिंतकों को संबल प्रदान करें। उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है। दुख की इस घड़ी में राजद परिवार शोक संतप्त परिजनों के साथ है”।
पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का कोरोना संक्रमण के कारण असमय निधन की दुःखद ख़बर पीड़ादायक है। ईश्वर उनको जन्नत में जगह दें, परिवार और शुभचिंतकों को संबल प्रदान करें। उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है। दुख की इस घड़ी में राजद परिवार शोक संतप्त परिजनों के साथ है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 1, 2021
वहीं हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने मोहम्मद शहाबुद्दीन (Shahabuddin siwan bihar) की मौत पर दुख जताते हुए सरकार पर साजिश का आरोप लगाया है. उन्होंने शहाबुद्दीन के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. इधर सीवान में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन यानी साहेब की मौत पर शौक की लहर है. सीवान में उनके समर्थक उन्हें साहेब के नाम से पुकारते थे.
बता दे कि 1967 में जन्मे शहाबुद्दीन (Shahabuddin siwan bihar) अपने कॉलेज के जमाने से ही राजनीति में आ गए थे. वो लेफ्ट और बीजेपी के विरोधी थे. जिससे वो सुर्खियों में आए. सीवान के डीएवी कॉलेज से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करते करते उनपर कई आपराधिक मामले भी दर्ज हो गए थे. साल 1990 में उन्होंने लालू यादव की पिछड़ी जाति की राजनीति के साथ हो लिए. और आरजेडी से चुनाव लड़ कर 1990 और 1995 में विधायक बने. इसके बाद वो केंद्र की राजनीति में सक्रिय हुए और 1996 के लोक सभा के चुनाव में सांसद बने. देवगौड़ा की सरकार में वो राज्य मंत्री बनाए गए. इसके साथ ही वो जुर्म की दुनिया में भी मशहूर होते गए. देश की क्रिमिनल हिस्ट्री सीटर में उनका नाम शामिल हो गया.
16 मार्च 2001 के दिन वो देश की अखबार की सुर्खियां बन गए जब सीवान में उनकी बिहार पुलिस के साथ झड़प हुई. इस दौरान दोनों ओर कई राउंड फायरिंग भी हुई. और कई लोगों की मौत भी हो गई. कई महीनों बाद शहाबुद्दीन (Shahabuddin siwan bihar) को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद उनका सियासी कॉरियर में गिरावट शुरू हो गई. अपनी सियासी जमीन बचाने के लिए उन्होंने अपनी पत्नी हीना शेख को 2009 में आरजेडी से लोकसभा का चुनाव लड़ाया लेकिन वो हार गई.
बाहुबली शहाबुद्दीन (Shahabuddin siwan bihar) की दो बेटी और एक बेटा है. वो लगातार नीतीश सरकार में विरोधियों के निशाने पर रहें. लालू और नीतीश की बिहार में सरकार बनने के बाद भागलपुर जेल से जब शहाबुद्दीन रिहा हुए तो काफी विवाद पैदा हुआ. लेकिन सीवान के पत्रकार राजदेव की हत्या के बाद शहाबुद्दीन एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए. जिसके बाद उन्हें बिहार के जेल से शिफ्ट करते हुए दिल्ली के तिहाड़ जेल भेज दिया गया. इसके बाद से वो अपने आखिरी वक्त तक तिहाड़ जेल में ही बंद थे.
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