PATNA: कांग्रेस विधायक रामदेव राय (#Ramdev Rai) का निधन हो गया है। पटना के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। वो बेगूसराय के बछवाड़ा विधानासभा से विधायक थे। बता दें कि रामदेव राय (MLA Ramdev Rai) ने कर्पूरी ठाकुर को लोकसभा के चुनाव में बेगूसराय से पराजित कर बड़ी विजय हासिल की थी। वो 6 बार कांग्रेस की टिकट पर विधायक रहे और 1 बार निर्दलीय विधायक रहें।
रामदेव राय (Congress MLA Ramdev Rai) ने 81 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। रामदेव राय के निधन पर बछवारा विधायक रामदेव राय के निधन पर कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा और बिहार प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने दुख प्रकट किया है। बिहार कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष कॉकब कादरी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ‘वरिष्ठ कांग्रेस नेता, प्रदेश कांग्रेस के स्तंभ, अजेय बछवारा विधायक, पूर्व सांसद व मंत्री आदरणीय रामदेव राय जी का निधन कांग्रेस परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। ऐसे कर्मवीर, कर्मठ, ईमानदार, जनप्रिय नेता के अवसान से बेहद मर्माहत हूँ। ऊपरवाला इनकी आत्मा को चिर शाँति नसीब करे व परिजनों को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करे। दिवंगत आत्मा को कृतज्ञ श्रद्धांजली।‘
वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी रामदेव राय के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। तो बछवाडा विधायक रामदेव राय के निधन पर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी शोक जताया है। उन्होंने कहा कि ‘रामदेव जी के निधन से राजनीति जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है। वह एक कुशल वक्ता थे।‘ इसके अलावा MLC संतोष मांझी ने भी दुख प्रकट किया है। हम प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान ने भी गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।
6 बार विधायक बने थे रामदेव राय
रामदेव राय 2015 में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर छठी बार विधायक बने थे। उन्होंने 13 वर्ष की उम्र से छात्र नेता के रूप कार्य शुरू कर दिया था। 29 साल की उम्र में 1972 में पहली बार बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। 1973 में वो मंत्री बने। वो बछवाड़ा विधानसभा सीट से दूसरी बार 1977 में चुनाव जीते। 1980 के चुनाव में बछवाड़ा विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार जीत हासिल की।
कर्पूरी ठाकुर को लोकसभा चुनाव में हराकर हुए थे मशहूर
रामदेव 1984 में लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर से पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के खिलाफ चुनाव लड़े औऱ जीत हासिल कर लोकसभा पहुंचे। फरवरी 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर बछवाड़ा विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता। 2005 में हुए चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत कर बिहार विधानसभा पहुंचे थे।
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