Patna: लोकतांत्रिक जन पहल की ओर से देशभर में चल रहे किसान आन्दोलन (farmer agitation) के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए आज डाकबंगला चौराहा पर प्रदर्शन किया गया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में नागरिकों ने हिस्सा लिया साथ ही बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। लोकतांत्रिक जन पहल ने तीनों फसल कानूनों (agriculture bill) एवं प्रस्तावित बिजली संशोधन बिल 2020 को वापस लेने की किसानों की मांग का पुरज़ोर समर्थन किया है।
लोकतांत्रिक जन पहल के नेताओं ने विपक्षी दलों को आगाह किया है कि किसानों (farmer agitation) के मुददों पर केवल बयानबाजी करने और कार्यक्रम की खानापूरी से काम नहीं चलेगा। नीतीश सरकार के डपोरशंखी दावों के बावजूद देशभर में सबसे ज्यादा दुर्दशाग्रस्त बिहार के किसान हैं। उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति पंजाब-हरियाणा की तरह स्वंयस्फूर्त आन्दोलन की नहीं है। यही कारण है कि नरेन्द्र मोदी का तीनों फसल कानून और प्रस्तावित बिजली संशोधन बिल के किसान विरोधी (farmer agitation) होने के बावजूद जो गोलबंदी बिहार में दिखनी चाहिए थी,वह नहीं है।
किसानों के सवालों पर नरेन्द्र मोदी और नीतीश सरकार दोनो कटघरे में हैं। इसलिए विपक्षी दलों और प्रगतिशील शक्तियों का सर्वोच्च दायित्व है कि बिहार में किसानों (farmer agitation) को संगठित करने के लिए आगे आयें। प्रर्दशन में शामिल प्रमुख लोगों में कंचन बाला, सुधा वर्गीस, जोस के, सोनी, मंजू, एडवोकेट मणिलाल, फ्लोरिन,अफजल हुसैन, अनुपम प्रियदर्शी, मंजू डुंगडुंग, शौकत अली, मनहर कृष्ण अतुल, गजेन्दर मांझी, आज़म, वंदना, ग्रेसी, कृष्ण मुरारी, विनोद रंजन, ऋषि आनंद, अनूप सिन्हा, एडवोकेट मनीष रंजन, संजय यादव, सचिन कुमार, एडवोकेट अंजुम बारी, आस्मां खान, मुस्ताक राहत, शम्स खान ,मनोज प्रभावी, जोसेफ एस, कमर वारसी, जाहिद करीम, मुन्ना कुमार और एडवोकेट अभिनव आलोक के नाम उल्लेखनीय हैं।
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