May 3, 2024

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SAMASTIPUR: किसान धान खरीद की धीमी रफ्तार से परेशान, पैक्स ने खड़े की किए हाथ!

SAMASTIPUR: एक तरफ दिल्ली में देश के किसान कृषि कानून (Bihar farmer) को लेकर आंदोलन कर रहे हैं । तो दूसरी तरफ बिहार में किसानों (Bihar farmer) के धान खरीद की रफ्तार काफी धीमी है। जिससे किसानों के धान ठंड के मौसम में खराब होने का अंदेशा सता रहा है। किसान जिसे लेकर काफी परेशान हैं। बिहार में पैक्स के माध्यम से किसान (Bihar farmer) से धान की खरीद की जाती है। लेकिन पैक्स का पैसा राज्य सरकार के पास बकाया होने से धान की खरीद में तेजी नहीं आ सकी है। जिससे किसान काफी मायूस नजर आ रहे हैं। जबकि बिहार सरकार ने समर्थन मूल्य निर्धारित कर धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित कर धान खरीद करने का निर्देश भी जारी कर दिया है लेकिन समस्तीपुर में पैक्स के पदाधिकारी पिछला बकाया भुगतान नहीं होने तक खरीद नहीं करने की बात कह रहे हैं। ऐसे में जिले में राज्य सरकार के धान अधिप्राप्ति पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है।

धान अधिप्राप्ति का क्या है लक्ष्य ?

बिहार सरकार ने पैक्स और व्यापार मंडल के माध्यम से किसानों (Bihar farmer) से धान खरीद का आदेश जारी किया है।  इसके लिए समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। जिसके तहत इस वर्ष 30 लाख की जगह 45 लाख टन धान की खरीद की जाएगी । सरकार ने सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 निर्धारित किया है। वहीं ए ग्रेड धान की कीमत 1888 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है । धान की खरीदारी 23 नवंबर 2020 से 31 मार्च 2021 तक होनी है। लेकिन अभी तक सूबे के कुछ जिलों में ही धान की खरीद शुरू हो सकी है । वहीं समस्तीपुर में अब तक मात्र 11 किसानों से 80.6 एमटी ही धान की खरीद हो सकी है, जबकि समस्तीपुर में 80 हजार एमटी धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ।

किसान को क्यों आ रही है परेशानी

समस्तीपुर में पिछले वर्ष 2019- 20 में 80000 एमटी लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जहां 60342 एमटी धान की खरीद हो सकी थी। लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत किसानों (Bihar farmer) के साथ है। उनका कहना है कि सरकार ने समर्थन मूल्य निर्धारित कर धान की खरीदारी का आदेश तो जरूर दे दिया लेकिन इसका बहुत ज्यादा फायदा किसानों को नहीं मिल पाएगा । क्योंकि 2 महीने पहले धान की कटाई पूरी हो चुकी थी और किसानों को आगे भी खेती करनी है, ऐसे में उनके साथ पूंजी की काफी दिक्कतें होती हैं। नतीजा किसान ओने पौने दाम में 1000 से 1100 के बीच बिचौलियों के माध्यम से धान को बेच लिया है । सरकार के द्वारा इसकी तैयारी 3 महीने पहले की जाती तो इसका ज्यादा से ज्यादा फायदा किसानों को मिल सकता था ।

पैक्स का क्या है कहना ?

पैक्स और व्यापार मंडल के माध्यम से धान की खरीददारी किए जाने पर समस्तीपुर में ग्रहण लगता नजर आ रहा है । क्योंकि राज्य सरकार के पास पिछले वर्ष पैक्स का करोड़ों रुपये बकाया लंबित है। नतीजा पैक्स भुगतान नहीं होने तक धान की खरीदारी से आनाकानी कर रहे हैं । समस्तीपुर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष विनोद राय का कहना है कि 2019-20 में की गई धान और गेंहू की खरीददारी में ट्रांसपोर्टेशन और बोरा खरीद मद में लगभग साढ़े तीन करोड़ से ऊपर का बकाया है। ऐसे में जब तक पूर्व के बकाए का भुगतान नहीं हो जाता तब तक खरीद करना संभव नहीं है।

वहीं जिले के सहकारिता पदाधिकारी अजय भारती ने बताया कि समस्तीपुर जिले में 80,000 एमटी धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है जहां 295 धान क्रय केंद्र के माध्यम से खरीदारी शुरू कर दी गई है ।और अब तक 11 किसानों से 80.6 एमटी धान की खरीद की जा चुकी है । पदाधिकारी जो आंकड़ा बता रहे हैं वो धान खरीद की रफ्तार काफी धीमी है। ऐसे में सवाल उठता है कि धान खरीद को लेकर सरकार ने जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उस लक्ष्य को कैसे पूरा किया जा सकेगा और किसानों (Bihar farmer) को इसका कितना फायदा मिल पायेगा ?