AVINASH GUPTA, SHERGHATI, GAYA: गया के डुमरिया प्रखंड अंतर्गत भोकहा पंचायत के बड़ाकागंसा गांव टोला मोरमा में एक हिरण को टागी से काटकर मार डाला। ग्रामीणों ने हिरन की हत्या की खबर वन विभाग को दी। वन विभाग ने तुरन्त कारवाई करते हुए मोरमा निवासी वेचन भुइया को गिरफ्तार कर लिया है। तीन लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। घटनास्थल से हिरन का सिर बरामद हुआ है। डुमरिया और इमामगंज के वन अधिकारी अमरजीत कुमार, सूरज कुमार, संजना कुमारी ललिता कुमारी डुमरिया वन विभाग में कार्यरत वन उप परिसर पदाधिकारी डुमरिया ने घटनास्थल पर जाकर हिरण का सिर ओर सींग बरामद किया है।
हिरण की हत्या की खबर वीडियो वायरल होने के बाद गया के वन अधिकारी ने संज्ञान लेकर तुरन्त कारवाई करने का आदेश इमामगंज और डुमरिया के वन अधिकारी को करवाई करने का आदेश दिया। हिरण की हत्या के बाद लोग तरह तरह की चर्चा कर रहे हैं। कुछ लोगों ने हिरन की हत्या का विरोध भी किया था। नहीं मानने पर वन विभाग को सूचना दी गई।
क्या है वन्य जीव संरक्षण अधिनियम
बता दें कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम को भारत सरकार ने वर्ष 1972 में पारित किया था। इसके बाद इसे वर्ष 2003 में संशोधित किया गया। इस कानून का मकसद वन्य जीवों के शिकार को रोकना और उनके मांस व खाल की तस्करी पर रोक लगाना था। इस कानून की सूची एक और सूची दो में आने वाले वन्य जीवों का शिकार करने पर न्यूनतम तीन साल की सजा का प्रावधान है। इसे 7 साल तक बढ़ाया जा सकता है। साथ ही इसमें न्यूनतम आर्थिक दंड 10 हजार रुपए है। अधिकतम आर्थिक दंड 25 लाख रुपए है।
43 वन्य जीव हैं सरंक्षित
वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की सूची एक में करीब 43 वन्य जीवों को शामिल किया गया है। इनमें सुअर, कई तरह के हिरण, बंदर, भालू, चिंकारा, तेंदुआ, लंगूर, भेड़िया, लोमड़ी, डॉलफिन, कई तरह की जंगली बिल्लियों, बारहसिंगा, बड़ी गिलहरी, पेंगोलिन, गैंडा, ऊदबिलाव, रीछ और हिमालय पर पाए जाने वाले कई जानवर शामिल हैं।
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