— Firoz Iliyasi
PATNA: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) में तारीखों का ऐलान हो चुका है। तीन चरणों में होने वाले चुनाव में महज अब 1 महीने का वक्त बचा है। मगर बिहार में न NDA में सीटों का बंटवारा हो सका है और न ही महागठबंधन में। सभी दलों में बातचीत का दौर जारी है। कांग्रेस (Congress) और आरजेडी (RJD) में भी अभी तक सीटों को लेकर सहमति नहीं बन सकी है। लेकिन जो सूत्रों से बाते सामने आ रही है उसके मुताबिक आरजेडी (RJD) ने कांग्रेस (Congress) को नया ऑफर दिया है। इस ऑफर के मुताबिक राजद (RJD) ने 58 विधानसभा सीट का ऑफर दिया है। साथ ही उपचुनाव में एक लोकसभा की सीट का ऑफर दिया गया है। ये सीट वाल्मिकीनगर की हो सकती है।
यही नहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम के महागठबंधन से बाहर जाने के बाद तेजस्वी यादव (Tejashvi Yadav) ज्यादा से ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। आरएलएसपी की भी स्थिति अभी साफ नहीं है। जिसकी वजह से महागठहंधन में आरजेडी (RJD) ने कांग्रेस (Congress) को 58+1 का ऑफर दिया है। लेकिन अभी इस ऑफर पर बात बनी है कि नहीं इसपर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। दूसरी तरफ रविवार को भी पटना कांग्रेस (Congress) प्रदेश कार्यालय में स्क्रीनिंग कमेटी की दूसरे दिन बैठक हुई। कमिटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे के नेतृत्व में ये बैठक की गई। बैठक की सबसे बड़ी बात ये रही कि कांग्रेस ने 243 विधानसभा सीटों के जिला अध्यक्षों के साथ बैठक की। यानी ये साफ है कि कांग्रेस (Congress) भी लगातार 243 सीट पर अपने कार्यकर्ताओं से फिडबैक ले रही है। ऐसे कांग्रेस को 58 सीट का फॉर्मूला शायद ही रास आए।
दूसरी तरफ बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव के के शर्मा ने कहा है कि 10 से 15 सीटों का प्रस्ताव उनकी पार्टी ने गठबंधन को दे दिया है। और बातचीत सकारात्मक दिशा में चल रही है। महागठबंधन के साथ जल्द ही समय रहते सीट का बंटवारा हो जाएगा। सम्मानजनक सीटों पर समझौता नहीं हुआ तो हम फिर जनता के बीच अकेले जाएंगे। तो तेजस्वी यादव के सामने VIP को भी संतुष्ट करना है।
RLSP प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के तेवर भी सख्त नजर आ रहे हैं। ऐसे चुनाव की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ ही महागठबंधन अभी भी सीट बंटवारे की गांठ नहीं सुलझा पाई है। ऐसा पहली बार हुआ है कि एक महीने का समय बचा है और विधानसभा सीटों को लेकर अभी तक बातचीत और रूठने मनाने का ही दौर चल रहा है। महागठबंधन में सीटों को लेकर चुनौतियां बहुत है। अब देखना ये होगा कि तेजस्वी यादव (Tejashvi Yadav) कैसे इन चुनौतियों का समाधान निकाल पाते हैं।
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