KISHANGANJ: किशनगंज में महानन्दा नदी की वजह से हर साल कई परिवारों का घर छिन जाता है और भूमाफिया कई परिवारों का जमीन हड़प जाते हैं. जिससे ग्रामीण खुले आसमान के नीचे गुजर बसर करने पर मजबूर हो जाते हैं. इस साल भी महानन्दा नदी में तीव्र कटाव के कारण कई पंचायतों के लोग भय के साये में जीने को मजबूर हैं. वहीं कटाव के कारण किशनगंज के बलिया डांगा गांव के दर्जनों आदिवासी परिवारों का घर नदी में विलीन हो चुका है. गरीबों ने परिवार अपना पेट काट कर आशियाना बनाया था लेकिन आज खुले आसमान के नीचे आ गए हैं. स्थिति यह है कि बेघर हुए लोग बड़ी मुश्किल से एक वक्त की रोटी जुटा पा रहे हैं.
महानंदा नदी के तांडव से इस गांव के किसानों का भी बुरा हाल है. खेती योग्य सैकड़ों एकड़ भूमि को महानंदा अपने आगोश में समेट चुका है. हालत इतने बदतर हैं कि एक दिन में कई सौ मीटर तक कटाव हो रहा है. लोग बताते हैं कि ध्यान नहीं दिया गया तो पूरा गांव नदी में समा जाएगा. ग्रामीणों का कहना है कि महानंदा नदी ना सिर्फ घर और रोजगार छिन रहा है बल्कि गांव के बच्चे का भविष्य अंधकार की ओर धकेल रहा है.
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