सुपौल:सावित्र बाई फुले की 191 वीं जयंती पर महिलाओं ने उनके चित्र पर पुष्पचढ़ाकर श्रद्धांजलि देते हुए अपने अधिकारों के प्रति शिक्षित होने और संगठित होने का संकल्प लिया।
सावित्री बाई फुले की जयंती के अवसर पर सुपौल के गजना चौक के समीप कोशी नव निर्माण मंच के कार्यालय पर दोपहर 12 बजे से कोशी तटबन्ध के बीच की महिलाओं की बैठक आयोजित हुई । सावित्री बाई फुले के जीवन संघर्षों और स्त्री शिक्षा के लिए उनको प्रयासों को स्मरण करते हुए बताया की आज ही के दिन अर्थात 3 जनवरी 1848 को सावित्री बाई फुले ने 9 विभिन्न जाति की छात्राओं के साथ प्रथम महिला विद्यालय की स्थापना की थी। वहीं से महिला शिक्षा की शुरुआत हुई। उस समय का समाज उन्हें प्रतारणा देता रहा पर पीछे नही हटी।
महिलाओं ने तटबन्ध के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य सहित बाढ़ के समय उनपर गुजरने वाली परेशानियों का वर्णन करते हुए कहा की आजादी के इतने दिन गुजरने के बाद भी आज हमलोगों के पिछड़ेपन की सीमा नही है। कार्यक्रम के अंत में सभी महिलाओं ने शिक्षित बनने व बनाने, अधिकारों को जानने के साथ तटबन्ध के बीच की महिलाओं व बच्चियों को संगठित करने का संकल्प लिया व 8 मार्च महिला दिवस के दिन हजारों की संख्या में महिलाओं को जोड़कर महिला दिवस मनाने का कार्यक्रम तय किया ।
उसकी तैयारी में रेखा देवी, मलभोगिया देवी, पारो देवी, दुल्लो देवी, ललिता बसकी, सुलेखा देवी, तालामय देवी, गीता देवी, मुक्को देवी , राजमणि देवी, रहीमा खातून, गुलेशा, राजन देवी, प्रियंका कुमारी, अर्चना सिंह, इशरत परवीन है। आज की बैठक की अध्यक्षता अर्चना सिंह और संचालन प्रियंका कुमारी ने किया जबकि मुख्यवक्ता मनोरमा कुमारी थी।
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