April 28, 2024

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एयर इंडिया खरीदने वालों की रेस में अब सिर्फ बची दो कंपनियां

NEWS DESK: निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने दिसंबर में कहा था कि सरकार को राष्ट्रीय वाहक एयर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी के विभाजन के लिए कई बोलियां मिली हैं। इसी आलोक में एयर इंडिया कर्मचारी कंसोर्टियम, जिसने एयर इंडिया डिविजन बोली में भाग लिया को अर्न्स्ट एंड यंग एलएलपी (ईवाई) द्वारा डिविजन प्रक्रिया के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया।

कर्मचारियों के साथ समन्वय करने वाली एयर लाइन की वाणिज्यिक निदेशक मीनाक्षी मलिक ने कर्मचारियों को तीन पन्नों के पत्र में कहा कि कंसोर्टियम का चयन नहीं किया गया। ईवाई ने कहा कि कर्मचारियों की बोली के अयोग्य होने के पीछे तीन कारण हैं। विदेशी कंसोर्टियम के सदस्य के लिए आवश्यक तीन साल के ऑडिट किए गए वित्तीय विवरणों को प्रस्तुत नहीं करना, अपतटीय कंपनियों में निवेश के लिए इच्छुक बिल्डरों द्वारा विवरणों को प्रस्तुत नहीं करना और विदेशी कंसोर्टियम के सदस्य को प्रारंभिक सूचना ज्ञापन में परिभाषित विदेशी निवेश निधि को उचित रूप से विनियमित नहीं करने से अयोग्य घोषित किया गया।

एयर इंडिया के कर्मचारियों के कंसोर्टियम को अयोग्य ठहराने के बाद बोली लगाने की प्रक्रिया से लेकर एयर लाइन तक केवल टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट, घाटे से जूझ रही एयर इंडिया को खरीदने के लिए मैदान में बचे हैं। इसके लिये सरकार जुलाई-अगस्त तक राष्ट्रीय वाहक की विभाजन प्रक्रिया को पूरा करने का इरादा रखती है।