–By Firoz Iliyasi
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और राजद के वरिष्ठ नेता डा.रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prashad Singh) नहीं रहे। उन्होंने दिल्ली के एम्स में 74 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। वो कोविड-19 के इलाज़ के बाद लगातार उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी जिसका इलाज वो दिल्ली के एम्स में करा रहे थे। उनके पुत्र सत्यप्रकाश सिंह ने सबसे पहले मीडिया को ये जानकारी दी। डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvans Prashad Singh) के निधन के बाद उनके पुत्र ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी अंतिम यात्रा और इससे जुड़े सारे कार्यक्रम उनके पैतृक आवास शाहपुर में होगा।
लालू यादव के कंधे से कन्धा मिला कर चलने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvans Prashad Singh) को लालू यादव रघुवंश बाबू बोल कर हमेशा बुलाया करते थे। अभी 2 दिन पहले ही उन्होंने राजद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद लालू यादव ने खुद पत्र लिख कर कहा था कि आप पार्टी छोड़ कर कहीं नहीं जा रहे हैं। तभी तो उनके निधन पर लालू यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि
‘ प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया?
मैनें परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे हैं। लेकिन आप इतनी दूर चले गए।
नि:शब्द हूँ। दुःखी हूँ। बहुत याद आएँगे।’
रघुवंश बाबू के निधन पर पूरा लालू परिवार के साथ राजद में शोक की लहर है। तेजश्वी यादव ने भी ट्वीट कर शोक व्यक्त करते हुए लिखा है कि
‘राजद के मजबूत स्तम्भ, प्रखर समाजवादी जनक्रांति पुंज हमारे अभिभावक पथ प्रदर्शक आदरणीय श्री रघुवंश बाबू के दुःखद निधन पर मर्माहत हूँ। आप समस्त राजद परिवार के पथ प्रदर्शक, प्रेरणास्रोत व गरीब की आवाज बने रहे!।आपकी कमी राजद व देश को सदैव खलेगी।’
वहीं लालू परिवार की सबसे बड़ी बेटी मिसा भारती रघुवंश प्रसाद को चाचा कह कर बुलाती थी। उनके निधन पर उन्होंने लिखा है कि
‘रघुवंश चाचा के दुःखद निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करती हूँ! आपका हाथ सर से हटना हिम्मत तोड़नेवाला है! राजद के तमाम कार्यकर्ता आज अपने आप को अनाथ महसूस कर रहे हैं! जब भी हम मायूस होते थे आपकी दमदार आवाज़ में मिलने वाला ढांढस हम सब में शक्ति और हिम्मत का संचार करता था!’
रघुवंश बाबू के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी दुःख जताया है। मुख्यमंत्री ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा है कि
‘वे एक प्रख्यात समाजवादी नेता थे। वे स्व. कर्पूरी ठाकुर के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री रहे। उन्हाेंने चार बार वैशाली से लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया और केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल अत्यंत सराहनीय रहा। वे जमीन से जुड़े राजनेता थे। उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत रूप से दुःख पहुंचा है। उनके निधन से राजनीतिक, सामाजिक, शिक्षा तथा समाजवाद के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।’
इसके अलावा डाॅ. रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvans Prashad Singh) के निधन का समाचार मिलते ही मुख्यमंत्री ने डाॅ. रघुवंश प्रसाद सिंह के पुत्र सत्यप्रकाष सिंह से दूरभाष पर बात कर उन्हें सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने स्थानिक आयुक्त एवं अधिकारियों काे निर्देष दिया है कि परिजनाें से सम्पर्क कर उनके पार्थि व शरीर काे उनकी इच्छा के अनुरूप पटना लाने और राज्य सरकार की ओर से उनके अंतिम संस्कार के लिये सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिष्चित करें। काेविड काल के लिये वर्तमान में लागू दिशा-निर्देश के तहत निर्धारित प्राेटाेकाॅल के अनुरूप राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनाें एवं प्रशंसकाें काे दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थ ना की है।
रघुवंश बाबू के पुराने सहयोगी राम कृपाल यादव जो भले ही वो राजद छोड़ बीजेपी में चले गए हों लेकिन वो रघुवंश बाबू को याद करते हुए लिखते हैं कि
‘पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं बिहार के दिग्गज समाजवादी नेता रघुवंश बाबू का निधन बिहार और देश के लिए अपूरणीय क्षति है। अंतिम सांस तक आप अपने राजनीतिक और सामाजिक मूल्यों व सिद्धांतों पर अडिग रहे, जो अनुकरणीय है। मैं अपने आपको धन्य मानता हूं कि आपका सानिध्य और प्यार मुझे लंबे अरसों तक मिला। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवगंत आत्मा को शांति दें।’
रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर पूरे सियासी गलियारे में शोक की लहर है। जहानाबाद पहुंचे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं बिहार भाजपा चुनाव प्रभारी देवेन्द्र फडनवीस ने रघुवंश बाबू के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि ‘उनके निधन से राजनीति क्षति हुई है।’ तो केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा है कि ‘बिहार एवं देश के लिए उनका निधन अपूरणीय क्षति है। वे जमीन से जुड़े हुए नेता थे। गरीबों के हित की राजनीति आजीवन करते रहे। उन्होंने बिहार के सर्वांगीण विकास की चिंता हमेशा की। वे देशभर में लोकप्रिय थे। प्रखर नेता के रूप में जाने जाते थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति व इस दुख की घड़ी में उनके परिवार को साहस प्रदान करें।’
रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन की जानकारी मिलते ही उनके पैतृक गाँव वैशाली जिला के महनार प्रखण्ड अंतर्गत शाहपुर गाँव में मातम छा गया। गाँव के लोग मौत की खबर सुन कर निशब्द हैं। चुनाव हारने के बाद रघुवंश बाबू को गाँव से ज्यादा लगाव हो गया था। अक्सर गाँव मे उनका समय व्यतीत होता था। इसलिय गाँव के लोग सदमे में है। उनके मित्र और सहयोगी चंदेश्वर झा ने बताया कि वह उनके साथ 1971 से थे। उनके जैसा व्यक्तित्व आज ढूंढने से भी नहीं मिल सकता । राजनीति के साथ-साथ घर परिवार में भी उनके जैसा कोई नहीं था । उनके जाने से हमें बहुत ज्यादा क्षति हुई है।
More Stories
जनता दरबार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 47 लोगों की सुनी समस्यायें, अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
BPSC शिक्षक बहाली परीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्वतंत्रता दिवस पर बड़ा ऐलान
गिरिडीह के डुमरी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया करोड़ों की योजनाओं का उद्घाटन, परिसंपत्तियों का भी वितरण