राम प्रवेश कुमार, शेरघाटी,गया: शेरघाटी अनुमंडल के गुरुआ प्रखंड के युवा वर्ग के चर्चित समाज सेवक के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले सह गरीबों और असहाय के प्रति हर संभव मदद करने न्याय अधिकार के लिये लड़ने वाले कुशल व्यक्तित्व के धनी अभिषेक कुमार फिर एक बार हिंदू-मुस्लिम एकता की पहचान बन गए हैं। उन्होंने बताया कि कल अचानक उन्हें कुशल युवा समाजसेवी सह शेरघाटी एकता मंच के संयोजक आबिद इमाम ने फोन द्वारा सूचना दी कि मथुरापुर अंतर्गत गुरारू निवासी शमा परवीन (पति रिजवान आलम) एक गंभीर बीमारी से जिंदगी और मौत के बीच से लड़ रही है , जिसे अति शीघ्र रक्त की आवश्यकता है। उन्होंने तत्परता दिखाते हुए खुद रक्त देने के लिए मगध मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पहुंचकर रात्रि में रक्तदान कर उस महिला की जान बचाने का कार्य किया जो कि एक समाज में हिंदू-मुस्लिम एकता का भी उदाहरण बना।
अभिषेक कुमार ने बातचीत में बताया कि मैं निरंतर ऐसे कार्यों के लिए सदैव तत्पर रहता हूं और मैं लगातार जरूरतमंद लोगों के लिए रक्तदान करते आ रहा हूं। आज कोरोना वायरस संक्रमण की महामारी से पूरा देश जूझ रहा है, इस विकट परिस्थिति के कारण रक्त की समस्या भी ज्यादा उत्पन्न हो रही है । ऐसे में इस तरह का कार्य काबिल-ए-तारीफ है।
आपको बता दें कि अभिषेक कुमार मानव अधिकार आयोग के सदस्य एवं लोक न्याय संस्थान भारत सरकार के अधीन अपनी सेवा दे रहे हैं। वह हमेशा अपने समाजसेवा के कारण चर्चा में रहते हैं। इसके फलस्वरूप उन्हें कई बिहार सरकार, भारत सरकार एवं कई विभिन्न संस्थानों द्वारा लगातार सम्मानित किया जा चूका है। अभिषेक के बिना भेद भाव के रक्त दान करने पर आज समाज के सभी लोग उनकी सराहना क्र रहे हैं साथ ही उन्हें बधाई भी दी।
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