जग्गी रावत, हरिद्वार: सरकार ने गिरती हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कोरोना वायरस आपदा के समय में आबकारी की दुकानों को तो खोल दिया मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारों को खोलने की अनुमति सरकार ने अभीतक नहीं दी है…जिससे हरिद्वार में साधु-संतों में रोष है। संतो ने उम्मीद जताई है कि जिस तरह राज्य सरकार ने अस्थि विसर्जन की अनुमति दी है, उसी तरह केंद्र सरकार जल्द मंदिरों को खोलने की भी अनुमति देगी
मंदिर खोले जाने की मांग पर साधु संतों का कहना है कि शराब के ठेकों का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है। सरकार ने सूझबूझ कर ही शराब के ठेकों को खोला होगा। जहां तक मंदिरों के खोले जाने की बात है तो मंदिरों को खोलने का निर्णय सरकार द्वारा किया जाना है। इस बारे में स्वामी ललितानंद ने कहा कि व्यवस्थाओं को सही कर सरकार द्वारा मंदिरों को जल्द खोला जाए। संत समाज सरकार से मांग करता है कि मंदिरों को खोला जाए और भगवान से प्रार्थना करते है कि मंदिरों में फिर से रौनक दोबारा वापस आ जाए।
वहीं राधा कृष्ण धाम के अध्यक्ष और वरिष्ठ संत सतपाल महाराज का भी कहना है कि अस्थि विसर्जन की अनुमति राज्य सरकार द्वारा दी गई है। सभी बंद मंदिर को खोलने का प्रस्ताव भी साधु संतों द्वारा सरकार को दिया गया है। पूजा पद्धति जिस तरह से पहले होती थी, जिस तरह आरती पूजा धार्मिक संस्कार होते थे, यह सब पहले की तरह होने चाहिए। हमने पहले भी सरकार से मांग की है और आज भी हम सरकार से मांग करते हैं कि मंदिरों को भी जल्द खोला जाए।
मंदिर खोले जाने के मामले में महामंडलेश्वर हरि चेतनानंद महाराज का कहना है की साधु संतों की एक बैठक मंत्री मदन कौशिक के साथ हुई थी मंत्री के समक्ष हमारे द्वारा तीन प्रस्ताव रखे गए थे। इनमे से एक प्रस्ताव अस्थि विसर्जन की अनुमति कैबिनेट बैठक के दौरान राज्य सरकार द्वारा दे दी गई है। देवालयों के लिए मंत्री ने हमे आश्वाशन दिया है कि वह केंद्र सरकार से आग्रह करेंगे की मंदिरों को खोला जाए। यह निर्णय केंद्र सरकार के अधीन है। जब मंदिर खोले जाएंगे तो पूरे भारत में खोले जाएंगे। उम्मीद है जल्द ही धीरे धीरे व्यवस्थों को दुरुस्त कर मंदिरों को खोलने की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा दे दी जाएगी।
बहरहाल, केंद्र सरकार द्वारा 23 मार्च से बंद पड़े धार्मिक संस्थानों को खोलने के लिए अभी कोई भी अनुमति नहीं दी गई है। इसको लेकर हरिद्वार के संतों में रोष है। जहां संतो द्वारा व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर जल्द ही मंदिरों को खोलने की मांग केंद्र सरकार से की गई है तो वहीं इन संतों द्वारा उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार जल्द इनकी मांगों का संज्ञान लेकर मंदिरों को पुनः खोलेगी और पहले की तरह श्रद्धालु मंदिरों में जाकर भगवान की पूजा अर्चना और भक्ति कर सकेंगे।
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