—-फ़िरोज़ इलियासी
आज हम बात करेंगें मुस्लिमों के पर्व शब-ए-बारात की। हमने ये टॉपिक इसलिए आज चुना है क्योंकि दिल्ली के निज़ामुद्दीन में स्थित मरकज़ के बारे में जानते ही होंगें आप। देश में lockdown के बीच इसी मरकज़ में तब्लीगी जमात के लोगों को corona positive पाया गया। फ़िर क्या था कुछ इलेक्ट्रोनिक मीडिया ने पूरे मुस्लिम समुदाय को ही कोरोना संक्रमण फ़ैलाने का दोषी ठहरा दिया।
शब-ए- बारात के पर्व में बढ़ी तादाद में मुस्लिम मस्जिदों में इबादत करते हैं साथ ही कब्रिस्तान में भी जमा होते हैं। lockdown और corona virus के खतरे के बीच ज्यादा तादाद में लोगों का जमा होना संक्रमण को बढ़ा सकता है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या मुस्लिम समुदाय के लोगों ने lock down का पालन किया? क्या corona संक्रमण से बचने के लिए उन्होंने घर में ही इबादत करने का फैसला लिया? ये सवाल हिंदुस्तान के सभी लोगों के लिए जानना बेहद जरुरी है।
जरुरी इसलिए क्योंकि जिस तरह कुछ समाचार चैनलों ने दिल्ली निजामुद्दीन के मरकज़ को लेकर पूरे मुसलमानों को कठघरे में खड़ा कर दिया है । और सोशल मीडिया पर जिस तरह से अफवाहें फैलाई जा रही है। ऐसे में लोगों के बीच एक आम मुस्लिम से लेकर मुस्लिम लीडर की भी सोच बिना किसी मिलावट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की भाषा में कह ले तो बिना किसी मिर्च मसाले के सामने आना बेहद जरुरी है।
इसी सोच के मद्देनजर today24live ने लोगों के सामने एक आम शहरी जो की मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखता है, उसकी सोच जानी। चाहे वो शब-ए-बारात हो या lockdown या फिर कोरोना वायरस। हमने साथ ही कुछ मुस्लिम लीडर से भी बात की और उनकी राय जानी। इस विषय पर हमने बात की जमात ए इस्लामी बिहार के अमीर ए मुक़ामी रिज़वान अहमद इस्लाही से, बिहार राब्ता कमिटी के सेक्रेटरी अफ़ज़ल हुसैन से, शिया वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन इरशाद अली आज़ाद से और उर्दू अख़बार के एडिटर रशीद अहमद से।
सभी ने एक सुर में lockdown का पालन करने की वकालत की। साथ ही पूरे मुस्लिम समुदाय से अपील करते हुए कहा कि शब-ए-बारात के पर्व पर आप सभी घरों में रहकर खुदा की इबादत करें। lockdown का पालन करें। कब्रिस्तान पर न जा कर घर में भी अपने पूर्वजों के लिए दुआएं करें। ये अपील पूरे मुस्लिम समुदाय के लिए थी। इन लोगों से बात करके ये साफ़ हो गया कि कोई पर्व ही क्यों न हो corona के खतरे को देखते हुए lockdown का पालन करने के लिए पूरे तौर पर हिन्दुतान के हर एक शहरी के साथ मुस्लिम समुदाय भी खड़ा है।
साथ ही हमने कुछ पटना में रह रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों से भी बात की आखिर वो शब ए बारात में lockdown को किस नजरिये से देखते हैं और आप यकीन जानिए इन्होंने जो बातें कहीं उससे हिन्दुतान के मुस्लिम समुदाय के लोगों का नजरिया और सोच शीशे की तरह बिल्कुल साफ हो गया। सभी ने मिल कर एक सुर में कहाँ के वो शब ए बारात में घर में ही रह कर इबादत करेंगें और खुदा से कोरोना जैसी महामारी से सभी को निजात देने की दुआएं मांगेंगे। तो अगर आप कुछ समाचार चैनलों और सोशल जमीडिया पर पूरे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ ज़हर सुने तो एक बार जरूर खुद से असलियत को जानने की कोशिश कीजियेगा। और today24live के इस खास एपिसोड के वीडियो को जरूर देख लेंगें ताकि सच आपके सामने हो और झूठ बेनक़ाब।
More Stories
पटना के सुल्तानगंज पुलिस की यातना से एक बुजुर्ग की गई जान, परिजनों का आरोप, ये कैसी पुलिस ?
KHAN SIR के कोचिंग की छात्रा ने की आत्महत्या, पढ़ें सुसाइट नोट में क्या लिखा BPSC छात्रा ने
RJD उम्मीदवार अली अशरफ फातमी का आरोप- ओवैसी हो चुके हैं एक्सपोज