अशोक शर्मा, गया: गया में प्रवासी मजदूरों को घर जाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाउन के 43 दिन बीत जाने के बाद भी प्रवासी मजदूरों की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है । स्पेशल ट्रेनें चलाए जाने के बावजूद प्रवासी मुंबई,दिल्ली,नागपुर,हरियाणा से अपने घर की ओर पैदल और साइकिल से निकल चुके हैं क्योंकि रेलवे का किराया सब लोग भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। वहीं पवन कुमार युवा राजद कार्यकर्ता ने कहा कि ये सरकार गरीबों की नहीं अमीरों की है । विदेश से सभी भारतीयों को निःशुल्क लाया जा रहा है और गरीबों से ट्रेन का किराया लिया जा रहा है।
राजद मांग करती है कि सभी गरीब मजदूरों को वापस लाया जाए। 50 ट्रेन का किराया राजद 50 देगी । नीतीश सरकार अकाउंट नंबर बताएं नगद उसे भुगतान किया जाएगा। तादाद इतनी ज्यादा है कि स्पेशल ट्रेनों में इनका नंबर नहीं आ रहा है. न खाना और न ही पैसा फिर भी पैदल अपने घरों की ओर प्रवासी मजदूर निकल चुके हैं। डुमरिया प्रखंड के सरकारी आईटीआई कोरिंटाइन सेंटर में 11:00 बजे तक प्रवासी मजदूर लोगों को न तो भोजन दिया गया नहीं तो नाश्ता दिया गया। बिहार सरकार हमेशा बोलती है कि सभी मजदूरों को अच्छी तरह से रहने की व्यवस्था की जा रही है। लेकिन जमीन पर कुछ भी नहीं दिख रहा है ।
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