Chennai: कोरोना वायरस (Coronavirus) से देश में संक्रमण तेजी से फैलता ही जा रहा है. भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था पर इन दिनों काफी दबाव है. कोरोना से (Coronavirus) मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. भारत में हालात ऐसे हैं कि दूसरे देश भारत की तरफ मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं. चाहे खाड़ी देश हो या फिर यूरोपीए संघ सभी तरफ से मदद आ रही है. इन हालातों के बीच भारत में विधानसभा चुनाव कराए जाने पर कोविड 19 (Covid-19) का संक्रमण बढ़ गया है. विधानसभा चुनाव कराए जाने पर चुनाव आयोग (Election Commission) पर अब सवाल उठने लगे हैं. देश में मौजूदा हालात को देखते हुए मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने सोमवार को चुनाव आयोग (Election Commission) की कड़ी आलोचना की है. कोरोना महामारी (Coronavirus) के दौरन चुनावी रैलियां करने की राजनीतिक पार्टियों को अनुमति देने पर मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) फटकार लगाई . चुनाव आयोग (Election Commission) के वकील को मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) के चीफ जस्टिस ने कहा कि आपका आयोग कोरोना की दूसरे लहर के लिए जिम्मेदार है. मौजूदा हालात को देखते हुए अगर आयोग मतगणना का ब्लूप्रिंट तैयार नहीं करती है तो कोर्ट मतगणना पर रोक लगा देगी.
पूरे देश में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) तेजी से बढ़ रहा है, इस बीच चुनावी रैलियों को मंजूरी देने के लिए मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि ‘कोरोना की दूसरी लहर (Coronavirus) के लिए आपकी संस्था अकेले जिम्मेदार है. इसके लिए आपके अफसरों पर हत्या का आरोप लगाकर बुक कर देना चाहिए’. चीफ जस्टीस संजीव बनर्जी ने सवाल करते हुए कहा कि जब चुनावी रैलियां आयोजित होती हैं तो क्या आप दूसरे ग्रह पर रहते थे ? कोर्ट के आदेश के बावजूद चुनाव अभियान के दौरान मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाने में चुनाव आयोग (Election Commission) पूरी तरह से नाकाम रहा है.
मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने चुनाव आयोग (Election Commission) के वकील से 2 मई को होने वाले चुनाव के मतगणना के बारे में सवाल किया. कोर्ट ने कहा कि कोरोना (Coronavirus) के नियमों को लागू करने की चुनाव आयोग के पास क्या योजना है. इसके लिए चुनाव आयोग (Election Commission) को शुक्रवार तक का जवाब देने के लिए वक्त दिया है. अगर चुनाव आयोग कोई योजना के बारे में शुक्रवार तक जवाब नहीं देती है तो कोर्ट (Madras High Court) ने साफ कहा कि वो मतगणना पर रोक भी लगा सकती है. कोर्ट ने कहा कि लोगों की सेहत सबसे महत्वपूर्ण है. संवैधानिक पदों पर बैठे अधिकारियों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए. जब नागरिक जीवित रहेगा तब ही तो वो अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल कर सकेगा.
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