DELHI: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का हत्यारा एजी पेरारीवलन (A. G. Perarivalan) अब रिहा होने जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एजी पेरारीवलन को रिहा करने का आदेश जारी कर दिया है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट को रिहाई के लिए एक्ट 142 के तहत विशेषाधिकारी है. इसी विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एजी पेरारीवलन (A. G. Perarivalan) की रिहाई का आदेश दिया है. इससे पहले तमिलनाडु की सरकार ने कैबिनेट में एजी पेरारीवलन को रिहा करने के लिए साल 2008 में ही फैसला लिया था. इसके बाद राज्यपाल ने राष्ट्रपति के पास इस मामले को भेज दिया था. तब से एजी पेरारीवलन (A. G. Perarivalan) की रिहाई का मामला अटका था.
आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट ने विशेषाधिकार का किया प्रयोग ?
दरअसल, एक लंबे समय से एजी पेरारीवलन (A. G. Perarivalan) की दया याचिका राज्यपाल और राष्ट्रपति के बीच लंबित था. जिसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये अहम फैसला सुनाया है. एजी पेरारीवलन पहले से ही जमानत पर रिहा है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए एजी पेरारीवलन (A. G. Perarivalan) ने कहा था कि वो पिछले 31 साल से जेल में सजा काट रहा है. ऐसे में उसे रिहा किया जाना चाहिए. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए एजी पेरारीवलन (A. G. Perarivalan) को रिहा करने का बड़ा फैसला सुनाया है.
कब हुई थी एजी पेरारीवलन की गिरफ्तारी ?
21 मई, 1991 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में एजी पेरारीवलन को गिरफ्तार किया गया था. टाडा कानून के तहत उसकी गिरफ्तारी की गई थी. पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के 7 दोषी पाए गए थे, जिनमें से एक एजी पेरारीवलन भी है.
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