April 24, 2024

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बिहार के चंद घंटों के लिए शिक्षा मंत्री बने मेवालाल चौधरी का कोरोना से निधन, सियासी गलियारों में शोक की लहर

Patna: कोरोना बीमारी से मुंगेर तारापुर विधानसभा के जेडीयू विधायक मेवालाल चौधरी की मौत हो गई है. आज तड़के सुबह 4:30 बजे पटना के पारस अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। विधायक मेवालाल को 4 दिन पहले कोरोना से संक्रमित होने पर पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी मौत पर परिवार और तारापुर क्षेत्र में शोक माहौल है।

पटना के पारस हॉस्पीटल में पूर्व शिक्षा मंत्री और तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक मेवालाल चौधरी की इलाज के दौरान मौत हो गई। वे कोरोना से पीड़ित थे । उन्हें लंग्स में निमोनिया की शिकायत थी। मेवालाल के परिजनों ने बताया कि कुछ दिनों से उन्हें सर्दी खासी बुखार था । 13 अप्रैल की रात्रि उन्हें इलाज कराने के लिए तारापुर से पटना लाया गया था. डॉक्टरों की सलाह पर पारस अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए थे। सोमवार की सुबह 4:30 बजे वो कोरोना से जंग हार गए। उनका निधन हो गया।

वहीं मेवा लाल चौधरी के गांव के रहने वाले नीरज कुमार ने उनके निधन पर दुख जताते हुए बताया कि वो पूरे गांव वालों के सुख दुख में हमेसा से साथ खड़े होते थे। उनके जाने से पूरे गांव में शोक की लहर है। मेवा लाल चौधरी का देहांत होने से दूसरे राजनीतिक दल के लोग भी काफी गमगीन हैं। तारापुर प्रखंड के लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष मिथलेश सिंह ने कहा कि एक तेज तर्रार विधायक को हमने खो दिया है। विपक्ष ने नाते हमलोग कुछ भी कहते तो वो हमलोग का काम करते थे। और तारापुर का विकास करने में आगे रहते थे। वो मैप का आधार पर काम करते थे। उनके जाने से पूरे तारापुर विधानसभा के लोगों को काफी क्षति हुई है।

बता दें कि मेवालाल चौधरी लगातार दूसरी बार विधायक बने थे । उनका जन्म 3 नवंबर 1953 को हुआ था । वह 68 वर्ष के थे। तारापुर विधानसभा क्षेत्र के उनके चाहने वाले एवं परिवार के लोग गमजदा है। उनके दो पुत्र विदेश में रहते हैं। अभी कुछ वक्त पहले ही मेवालाल कुछ घंटों के लिए शिक्षा मंत्री भी बने थे। लेकिन विवाद होने पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया था।

मेवालाल चौधरी को राजनीतिक विरासत में मिली थी। वे सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके थे । उनकी पत्नी नीता चौधरी तारापुर की विधायक थी। मेवालाल की पत्नी स्वर्गीय नीता चौधरी 2010 से 2015 तक तारापुर से विधायक रही थी। वह राजनीति में काफी सक्रिय थीं। जब मेवालाल चौधरी कृषि विश्वविद्यालय से रिटायर्ड हुए तो  मेवालाल चौधरी के लिए उनकी पत्नी ने यह सीट छोड़ दी और जदयू ने पत्नी की जगह मेवालाल को टिकट दिया। मेवालाल भारी मतों से जीते भी थी । मेवालाल की पत्नी स्वर्गीय नीता चौधरी 2019 में रसोई गैस सिलिंडर में आग लगने से वह झुलस गई थी और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।

दूसरी बार 2021 में मेवा लाल चौधरी विधायक बने वे मास्टर ऑफ साइंस इन एग्रीकल्चर में पीएचडी किए थे उनके इस डिग्री के कारण उन्हें 2021 के नई सरकार में  उन्हें शिक्षा मंत्री का पद दिया था। लेकिन कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए सहायक प्रोफेसर भर्ती घोटाले का अभियुक्त होने के कारण विपक्ष ने यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया। इस पर मेवालाल चौधरी को  अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

विवाद विवादों से पुराना नाता रहा है मेवालाल चौधरी का

सबौर कृषि विश्वविद्यालय में सहायक अध्यापक सह जूनियर वैज्ञानिक की भर्ती के दौरान जमकर धांधली हुई थी। इस मामले में तत्कालीन कुलपति और मौजूदा शिक्षा मंत्री डॉ. मेवालाल चौधरी पर धांधली का आरोप लगा था। वहीं इस मामले में सबौर थाना में डॉ. मेवालाल चौधरी पर प्राथमिकी भी दर्ज करवाया गया था। हालांकि अभी फिलहाल वह हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत पर थे। वह 2010 में रसोई गैस सिलेंडर में आग लगने से उनकी पत्नी आवास में ही झुलस  झुलस गई थी और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। उस समय भी पटना के एक आईपीएस अफसर ने इस मौत के पीछे सीबीआई जांच की मांग की थी।