—-फिरोज इलियासी
Patna में Lockdown के बीच गंगा जमुनी तहजीब देखने को मिली। लोग एक-दूसरे की मदद करने खुलकर सामने आ रहे हैं। इस शहर में इंसानियत अभी जिंदा है। इसकी मिसाल पेश की सुल्तानगंज थाना क्षेत्र के न्यू अजीमाबाद के कुछ लोगों ने। लॉकडाउन की मार खासकर दिहाड़ी मजदूरों और कामगारों पर पड़ी है। इसमें चाहे ऑटो चालक हों या फिर ठेला चलाने वाले या फिर रेड़ी लगाकर समान बेचने वाले, सभी की आमदनी रोजाना दिन से लेकर रात तक कड़ी मेहनत और मुशक्कत पर टिकी है। लॉकडाउन के दौरान इन लोगों के पास राशन नहीं है। ऐसे में कुछ लोगों ने इन लोगों की मदद की ठानी और उन्होंने अपने दोस्तों, पड़ोसी और रिश्तेदारों से चंदा इकट्ठा किया। फिर राशन के समानों को खरीद कर घर में छोटे-छोटे फूड पैकेट्स बनाए। फिर निकल पड़े सड़कों पर, गलियों में मोहल्लों में, उन्होंने ऐसे जरूरतमंद लोगों का न धर्म देखा, न जाति देखी। देखा तो बस एक इंसान। वो इंसान जो हार-मांश के लुठड़े में खड़ा मजबूर है, जिसे अपने और अपने परिवार के पेट की आग को बुझाना है। इन्होंने सभी की मदद की। इस लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण की घरी में उनकी थोड़ी ही मदद सही मगर ये मदद बड़ी थी। सरकारें और प्रशासन बड़े-बड़े वायदे करती हैं, मगर मदद शायद ही सही समय पर उनतक पहुंच पाती है। दूसरी तरफ देश में इन दिनों खासकर सोशल मीडिया में धर्म के नाम पर नफरत फैलाए जा रहे हैं…ऐसे में राजधानीवासी ने खासकर दिखा दिया कि वो एक हैं। भले ही वो अलग-अलग धर्म से हों। मगर असली धर्म सबसे पहले इंसानियत का है। today24live की देखिए इसी ग्राउंड जीरो रिपोर्ट को।
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