April 25, 2024

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J&K में बदलेगा चुनाव का नक्शा, परिसीमन आयोग ने पेश की रिपोर्ट, जम्मू में बढ़ेंगी विधानसभा सीटें

New Delhi: कश्मीर के प्रवासियों और पीओके (POK) से विस्थापित लोगों के लिए परिसीमन आयोग ने विधानसभा की अतिरिक्त सीट की सिफारिश कर दी है. इस रिपोर्ट के आने के बाद जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव अब जल्द कराए जा सकते हैं. हालांकि परिसीमन प्रक्रिया अपने आप में विवादों में रही है. बता दें कि साल 2018 जून के बाद से राज्य में सरकार का गठन नहीं हुआ है. जम्मू कश्मीर कानून पुनर्गठन कानून के तहत 2011 की जनगणना को ही परिसीमन का आधार मानकर ये रिपोर्ट तैयार की गई है.

दरअसल विधानसभा क्षेत्र के दोबारा नए नक्शे को लेकर परिसीमन आयोग ने अपनी रिपोर्ट को सरकार के सामने पेश कर दिया है. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर में चुनाव की सुगबुगाहत तेज हो गई है. परिसीमन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जम्मू कश्मीर की 5 संसदीय सीटों पर एक समान संख्या में विधानसभा की सीटें की जाएं. जम्मू कश्मीर में कुल विधानसभा की 90 सीटें हैं. जिसमें 43 जम्मू विधानसभा क्षेत्र में की जाएंगी. वहीं 47 सीटों को घाटी यानी कश्मीर में होंगी. जिसमें 9 सीटों को अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व किया जाएगा.

पहले जम्मू कश्मीर में 37 विधानसभा सीट थी. परिसीमन ने जिसे बढ़ाकर 43 किया है. परिसीमन ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश करते हुए कश्मीरी प्रवासी, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के विस्थापितों के लिए एक अतिरिक्त सीट के लिए कहा है. कुछ दिनों पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित साह ने कहा था कि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने पर राज्य में चुनाव कराए जाएंगे.

परिसीमन आयोग की रिपोर्ट पर विवाद पहले से ही खड़ा होता रहा है. विपक्ष ने साफ तौर पर कहा है कि ये बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए है. कुछ क्षेत्रों में जनसंख्या को सीट के आधार पर बांट कर उन्हें अल्पसंख्यक क्षेत्र में बदलने की कोशिश की गई है. सियासी पार्टी ने परिसीमन की प्रक्रिया के तमाम खामियों को लगातार बताया है. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में जम्मू संसदीय सीट का हिस्सा रहे पुंछ और राजौरी जिले को मिला दिया है. अब इसे दक्षिण कश्मीर की अनंतनाग संसदीय सीट में शामिल कर दिया गया है. इससे लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है.